मौसम बदलने से होने वाले इस रोग से ऐसे करें बचाव, जानेंं डॉक्टर को कब दिखाना है जरुरी
अम्बुज यादव
बदलाव के दौर में जिस प्रकार सब कुछ बदल रहा है। वैसे ही मौसम भी लगातार बदलता रहता है। उसी बदलाव में लोगों को काफी परेशानियां भी सहनी पड़ती हैं। दरअसल मौसम के बदलने से हमारे शरीर की काफी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि मौसम के परिवर्तन से हमें सर्दी, खांसी और फ्लू का संक्रमण हो जाता है, जो आज के समय में आम बात होती है। लेकिन इस समस्या से उबरने में हमें काफी समय लग जाता है। कई बार तो हमारे द्वारा किये गए सभी उपाए भी फेल हो जाते है।
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एक शोध के अनुसार मौसम में परिवर्तन होने से कोल्ड वायरस फैलने लगते है। दरअसल कोल्ड वायरस 37 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर सक्रिय हो जाते है, जिससे हमें खांसी, जुखाम और फ्लू होता है। इससे बचने के लिए हमें अपने खान-पान पर ध्यान देना होता है। यही नहीं इससे आसानी से बचा जा सकता है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तब ये बीमारी हमे छू भी नहीं पाएगी। तो आज हम आपको उसी के बारे में बताएंगे कि आखिर किन सावधानियों की वजह से हम संक्रमण से बच सकते है? वही आपको बताएंगे कि इससे बचने के लिए रोजाना क्या-क्या खाएं?
क्या खाएं –
- अगर आप मांसाहारी हैं, तो चिकन सूप का प्रयोग जरूर करें। इसमें सिस्टाइन नामन तत्व पाया जाता है, जो कफ को ढीला करने में मदद करता है।
- दिन में कम से कम 6 से 7 ग्लास गरम पानी पिएं।
- अपने डाइट में विटामिन-सी युक्त फल और सब्जियों का सेवन करें। हो सके तो ज्यादा से ज्याद मशरुम, नींबू और शहद का अधिक से अधिक प्रयोग करें।
- खाने में हो सके तो मिर्च और लहसुन का प्रयोग करें। दरअसल लहसुन गर्म होने के साथ-साथ एंटीबैक्टीरियल भी होता है और मिर्च में कैप्सैसिन नामक तत्व पाया जाता है, जो नेजल और साइनस कंजेक्शन ठीक करने में सहायक होता है।
- जिंक युक्त भोज्य पदार्थों का भरपूर प्रयोग करें। रेड मीट, अंडा, दही, साबुत अनाज को भोजन में शामिल करें।
कब जाएं डॉक्टर के पास –
मौसम परिवर्तन की वजह से जब आपको जुखाम, खांसी और फ्लू हो जाए तो कई ऐसे लक्षण होते हैं जब डॉक्टरों को दिखाना ही पड़ता है। क्योंकि ये रोग जब अपने चरम पर पहुचता है तो खतरनाक हो जाता है, तो आज हम आपको ऐसी लक्षणों के बारे में बताएंगे जब डॉक्टर को दिखाना जरुरी होता है।
- सिर, कान और मसूड़ों में तेज दर्द होने की स्थिति में ।
- सांस लेने में तकलीफ हो रही हो ।
- उपाय करने के बावजूद बुखार 2 - 3 दिन से ज्यादा समय तक रहे ।
- अगर हरे या पीले रंग का कफ निकलने लगे ।
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